Add To collaction

लेखनी प्रतियोगिता -13-Jan-2022

महेमान...


गुजरते वक्त के साथ, ये दोस्ती आज मोहब्बत में तब्दील हो गई,

साथ गुजरा हुआ कुछ वक्त, आज जिंदगी साथ गुजारने को आदी हो गए,

थी उसकी महेमान, गुजरते वक्त के साथ, आज उसके घर की  बहु बन गई,

थी अपने घर की जान, गुजरते वक्त के साथ, उसी घर के लिए पराया धन बन गई...


करिश्मा खारवा

   10
5 Comments

Sangeeta( chahat) kushwah

08-Dec-2022 07:42 PM

बहुत अच्छा

Reply

Abhinav ji

14-Jan-2022 09:19 AM

Very nice

Reply

Punam verma

14-Jan-2022 12:09 AM

Nice

Reply